....रिमझिम के तराने ले के आयी बरसात ....
यही गीत बज रहा है और मैं ख्यालों में खोता जा रहा हूँ ।
एक दिवस जब बरसात आयी है काफी दिनों के बाद दिल्ली क्षेत्र में, हर कोई तरस ही रहा था इस बरसात के लिए, पर इसकी भी अपनी समस्या है । बड़े सारे जगहों पर गाड़ियाँ ठप्प हो गयी और परिणामस्वरूप जाम लग गए थे । सुबह-2 समाचार चंनेल्स ने भी चिल्लाना शुरू कर दिया है । "Breaking News : पुरानी दिल्ली के सारे रस्ते बंद, रिंग रोड पर 3 kms का जाम ....."
चित्राक्षी उठ गयी हैं और अपनी दिव्य भाषा जो की तेते और पापापा ....जैसी शब्दावली से बनी है, बतियाने की कोशिश कर रही हैं । ऑफिस के लिए निकालने से पहले हम चित्राक्षी को प्यार करते हैं और फिर चल देता हैं। बरसात हो रही है और गाड़ी की चाल भी उसी के हिसाब से धीरे है ।
coal gate मुद्दा अभी भी गर्म बना हुआ है और जिस तरह से सरकार पुरे मुद्दे को ठन्डे बसते में डालने की कोशिश में लग गयी है, इससे जाहिर होता है कि भेण तंत्र देश के नेताओं को कितने सुगम अवसर प्रदान करता है लाखों करोरों उड़ने के लिए, ऐसे ही दिमाग में 2G और Commonwealth घोटाले की भी प्रसारित समाचार याद आ रहे हैं। लेकिंन क्या हुआ, कुछ भी तो नहीं , कलमांदी साहब तो ओलिम्पिक में हिंदुस्तान की तरफ से लन्दन भी घूम आये। मुझे लगता है की कोई भी पर्तिसिपंत अगर इनको वहां लन्दन में अपने इवेंट के दिन देख लेता होगा तो सोचता होगा की छोड़ो यार, क्यूँ मेहनत करना, ऐसे तो नेता हैं हमारे यहाँ जो इतने बदनामी के बाद भी शर्म नहीं करते। ना लेंगे मेडल तो क्या, ओलिम्पिक में आ तो गए ही।
बहरहाल, उन सबको बधाइयाँ है तो मेदल्स लेकर आये और उनको भी जिन्होंने अपना पूरा प्रयास किया । नहीं दे पा रहा हूँ बधाइयाँ तो उनको जो होकी की पूरी साख मिटा आये लन्दन में ।
खयालो से बहार आके सोचता हूँ की कल फिर ऑफिस जाना है ,
अभी भी वोही गीत चल रहा है।...
.....रिमझिम के तराने ले के आयी बरसात ....
शुभ रात्रि !!!
यही गीत बज रहा है और मैं ख्यालों में खोता जा रहा हूँ ।
एक दिवस जब बरसात आयी है काफी दिनों के बाद दिल्ली क्षेत्र में, हर कोई तरस ही रहा था इस बरसात के लिए, पर इसकी भी अपनी समस्या है । बड़े सारे जगहों पर गाड़ियाँ ठप्प हो गयी और परिणामस्वरूप जाम लग गए थे । सुबह-2 समाचार चंनेल्स ने भी चिल्लाना शुरू कर दिया है । "Breaking News : पुरानी दिल्ली के सारे रस्ते बंद, रिंग रोड पर 3 kms का जाम ....."
चित्राक्षी उठ गयी हैं और अपनी दिव्य भाषा जो की तेते और पापापा ....जैसी शब्दावली से बनी है, बतियाने की कोशिश कर रही हैं । ऑफिस के लिए निकालने से पहले हम चित्राक्षी को प्यार करते हैं और फिर चल देता हैं। बरसात हो रही है और गाड़ी की चाल भी उसी के हिसाब से धीरे है ।
coal gate मुद्दा अभी भी गर्म बना हुआ है और जिस तरह से सरकार पुरे मुद्दे को ठन्डे बसते में डालने की कोशिश में लग गयी है, इससे जाहिर होता है कि भेण तंत्र देश के नेताओं को कितने सुगम अवसर प्रदान करता है लाखों करोरों उड़ने के लिए, ऐसे ही दिमाग में 2G और Commonwealth घोटाले की भी प्रसारित समाचार याद आ रहे हैं। लेकिंन क्या हुआ, कुछ भी तो नहीं , कलमांदी साहब तो ओलिम्पिक में हिंदुस्तान की तरफ से लन्दन भी घूम आये। मुझे लगता है की कोई भी पर्तिसिपंत अगर इनको वहां लन्दन में अपने इवेंट के दिन देख लेता होगा तो सोचता होगा की छोड़ो यार, क्यूँ मेहनत करना, ऐसे तो नेता हैं हमारे यहाँ जो इतने बदनामी के बाद भी शर्म नहीं करते। ना लेंगे मेडल तो क्या, ओलिम्पिक में आ तो गए ही।
बहरहाल, उन सबको बधाइयाँ है तो मेदल्स लेकर आये और उनको भी जिन्होंने अपना पूरा प्रयास किया । नहीं दे पा रहा हूँ बधाइयाँ तो उनको जो होकी की पूरी साख मिटा आये लन्दन में ।
खयालो से बहार आके सोचता हूँ की कल फिर ऑफिस जाना है ,
अभी भी वोही गीत चल रहा है।...
.....रिमझिम के तराने ले के आयी बरसात ....
शुभ रात्रि !!!