ठंड है की दबे पावं आना चाहती है किन्तु लोग आने नहीं देते. ऑफिस में बैठे मैं सोच रहा था की ठंड का उदघोस लोग किस तरह से छींक छींक कर कर दे रहेँ हैं. ठंड का मुंह छुपाना मुश्किल हो गया है और इसलिए ठण्ड थोड़ा लुक-छिप्पी के मूड में आ जाती है.
अभी दिन में थोड़ी ठण्ड बढ़ थी तभी लोग शुरू हो गये....
आक्छ्ह्हॆऎ…।
अठान्नन्न
…
……
ठण्ड शर्मा गयी और भाग ली !
उसने देखा ऐसे ही परेशान हैं....थोड़ा छोड़ दें,बख्श दें इनको इनके हाल पर !
अच्छा लगा की ठण्ड इतना कन्सिडराते हो रही है, काश ऐसा ही होता ! लेकिंग फिर समझ की कश्मीर की बारिश और आंध्र के हुद हुद को थी थोड़ा कन्सिडराते होने में. डेवलपमेंट तो इतना वहां भी नहीं था की इतनी तबाही पड़े. कश्मीर के बदल क्यों रो पड़े के जहाँ देखो वहीं पानी, हुद हुद तो खैर समुसदृक् था सो उसकी अपनी मर्ज़ि.
कुछ भी हो, ठण्ड आना मांगती है, हर साल तो आती है तो अभी थोड़ा वेट करके बेशर्मी दिख्सती आ ही जाएगी :-)
अभी दिन में थोड़ी ठण्ड बढ़ थी तभी लोग शुरू हो गये....
आक्छ्ह्हॆऎ…।
अठान्नन्न
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ठण्ड शर्मा गयी और भाग ली !
उसने देखा ऐसे ही परेशान हैं....थोड़ा छोड़ दें,बख्श दें इनको इनके हाल पर !
अच्छा लगा की ठण्ड इतना कन्सिडराते हो रही है, काश ऐसा ही होता ! लेकिंग फिर समझ की कश्मीर की बारिश और आंध्र के हुद हुद को थी थोड़ा कन्सिडराते होने में. डेवलपमेंट तो इतना वहां भी नहीं था की इतनी तबाही पड़े. कश्मीर के बदल क्यों रो पड़े के जहाँ देखो वहीं पानी, हुद हुद तो खैर समुसदृक् था सो उसकी अपनी मर्ज़ि.
कुछ भी हो, ठण्ड आना मांगती है, हर साल तो आती है तो अभी थोड़ा वेट करके बेशर्मी दिख्सती आ ही जाएगी :-)
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